रविवार, 25 फ़रवरी 2007

पहली ग़ज़ल

लगभग डेढ़ बरस पहले बेरोज़ग़ारी के दिनो में एक रोज़ कहीं रूमी की किसी ग़ज़ल का घटिया हिन्दी अनुवाद पढ़ के बड़ी कोफ़्त हुई.. लगा कि इस से बेहतर अनुवाद तो मैं कर सकता हूँ..तो लग गया..रूमी के मूल फ़ारसी के अंग्रेज़ी अनुवाद से मैंने हिन्दी में कुछ ग़ज़लें तरजुमा कीं.. तक़लीफ़ होती थी..क्योंकि अंग्रेज़ी और फ़ारसी के संसार मे बड़ी दूरियां हैं..तो सोचा कि सीधे फ़ारसी से क्यों ना अनुवाद करूं...तो भई मैंने फ़ारसी सीखने का संकल्प कर लिया..इंटरनेट के ज़रिये और किताबों की मदद से तीन महीनों तक सीखता रहा.. और साथ साथ अनुवाद पर भी हाथ आज़माईश करता रहा..सहूलियत के लिये निकोलसन के अंग्रेज़ी अनुवाद और मूल फ़ारसी को मिलाता रहता था.. फिर कुछ काम मिल गया और उसमें मशग़ूल हो जाने के बाद फ़ारसी के संसार मे लौट नहीं सका। कोशिश बचकाना थी..जानता हूँ.. मगर ब्लॉग पर इसलिये डाल रहा हूँ कि हो सकता है कि कुछ अपने अनुवाद के घटियापे पर गालियां खाके खोया उत्साह वापस लौट आये।




एक सफर पर मैं रहा मेरे बग़ैर
उस जगह दिल खुश हुआ मेरे बग़ैर

देख पाया नहीं ये चाँद वो जो
रूख-ब-रूख होना मेरा मेरे बग़ैर

जो ग़मे यार में दे दी जान हमने
हो गया पैदा फिर ग़म मेरा मेरे बग़ैर

मस्ती में पहुँचा हमेशा बग़ैर मय के
खुशहाली में पहुँचा हमेशा मेरे बग़ैर

मेरी यादों का मकां ना हरगिज़ बना
याद रखता हूँ मैं खुद को मेरे बग़ैर

मेरे बग़ैर खुश हूँ मैं कहता खुद से
कि अय मैं..रहो हमेशा मेरे बग़ैर

मेरे सामने रास्ते बन्द सब थे
मिल गई खुली राह एक मेरे बग़ैर

मेरे साथ दिल बन्दा है सुल्तान का
बन्दा है वो सुल्तान भी मेरे बगैर

मस्त शम्से तबरीज़ के जाम से हुआ
उसका जामेमय रहता नही मेरे बग़ैर

4 टिप्‍पणियां:

उन्मुक्त ने कहा…

हिन्दी चिट्टे जगत में स्वागत है।

अनूप शुक्ल ने कहा…

स्वागत बन्धुवर! आऒ लिखो और हमें भी बताओ क्या है रूमी!

इरफ़ान ने कहा…

Dear Abhay
Aajkal soofi bhi ek enterprise ban gaya hai. Sandarbh: Muzaffar Ali. Aese samay mein jab blogs kee duniya tak mein ek qism kaa jehaad chhida hua hai aur TV mpar hum papeetey mein se naagin nikalne kee khabar par TRP badhti dekh rahe hai, mujhe tumhara Roomi par janch raha hai. Anuvaad choonki tum angrezi se kar rahe ho to pahle English translation par sure ho lo. Hindi mein shayari ki khoobsoorti utni ubhar nahin rahi hai maaf karo lekin roomi kee duniya zaroor hamein pakad mein aa rahi hai.
Irfan

अभय तिवारी ने कहा…

भाई आपकी बात सर आँखों पर मगर मैं अनुवाद फ़ारसी से ही कर रहा हूँ।